बहरेलिया सिसोदिया वंश एक शुद्घ सूर्यवंश क्षत्रिय राजपूत राजवंश है,
1576ई मै हल्दी घाटी के युध्द मै भील जाती के लौगौ ने महाराणा प्रताप जी का साथ दिया था। इसलिये भील जाती के लौगौ को सम्मान देने के लिये मेवाड के चिन्ह मै एक तरफ भील जाती के
सरदार राणा पूंजा सोलंकी राजपूत दुसरी तरफ वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप जी है।
बहेलिया पासी जाती की उपजाती है। बहेलिया अनुसूचित जाति में सूचीबद्ध है। चूंकि, समाज में बहेलिया जाति को अपेक्षित सम्मान नहीं मिलता था, इसलिए इन्होंने अपने मूल नाम के आगे अहेरिया, सिसोदिया, रावल टाइटिल लगाना शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद स्थिति यह आ गई कि बहेलिया जाति के बजाय इन्हें सिसोदिया, रावल, अहेरिया जाति से पहचाना जाने लगा।
लेकीन gazetteer of uttar pradesh 2001 मै दोनों जातियों के बारे मे बताया है बहेलिया अनुसूचित जाती के लोग अपने आप को सिसोदिया कहते है लेकीन ये लोग सिसोदिया नहीं है क्योंकि सिसौदिया सूर्यवंशी राजपूत वंश है और इसी सिसौदिया वंश के बहरेलिया राजपूत है।
बहरेलिया सिसौदिया राजपूत को बहेलिया नही लिख सकते और बोल भी नहीं सकते क्योंकि दोनों अलग अलग जातियां हैं।
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अब बात करते है शुरू से
बहरेलिया सिसोदिया वंश का उदय हुआ॥ सन1540 से 1550 के बिच मे राजा बलराम सिंह सिसोदिया या राजा ब्रहम सिंह सिसोदिया राजस्थान मेवाड़ कन्नौज से उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी सूरजपुर बहरेला मे आये थे
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और उस युग मे वह सूरजपुर बहरेला क्षेत्र कहलाता था।(बहरेला)
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और बहरेलिया सिसोदिया वंश की प्रथम शुरुआत होती है सूरजपुर बहरेला क्षेत्र से जो है उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी में।
बहरेला क्षेत्र विजयी करने के कारण इन्हें एक उपाधि मिली। (बहरेलिया)
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और रुद्र क्षत्रिय प्रकास वंशावली में इसका उल्लेख भी मिलता है,
ओर ओर भी क्षत्रिय वंशवाली देख लो सब मे बहरेलिया शुद्ध क्षत्रिय बताया गया है ओर किसी मै बिछ्डे बन्धु मै बताया है क्योकी इसलिये बिछडे बन्धु बताया इन्होने कई सालो बाद बहरेलिया लगाना बन्द कर दिया क्योकी बहरेलिया ओर बहेलिया मिलता जुलता नाम था लोग इनको भी बहेलिया ही समझने लगते थे इसलिये ये पीछे रहे ग्ये आज इनको कई क्षत्रिय नही जानते।
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बहरेलिया सिसोदिया वंश का 71 गाँव मै राज्य था।
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अब बात करते है शुरू से
बहरेलिया सिसोदिया वंश का उदय हुआ॥ सन1540 से 1550 के बिच मे राजा बलराम सिंह सिसोदिया या राजा ब्रहम सिंह सिसोदिया राजस्थान मेवाड़ कन्नौज से उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी सूरजपुर बहरेला मे आये थे
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और उस युग मे वह सूरजपुर बहरेला क्षेत्र कहलाता था।(बहरेला)
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और बहरेलिया सिसोदिया वंश की प्रथम शुरुआत होती है सूरजपुर बहरेला क्षेत्र से जो है उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी में।
बहरेला क्षेत्र विजयी करने के कारण इन्हें एक उपाधि मिली। (बहरेलिया)
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और रुद्र क्षत्रिय प्रकास वंशावली में इसका उल्लेख भी मिलता है,
ओर ओर भी क्षत्रिय वंशवाली देख लो सब मे बहरेलिया शुद्ध क्षत्रिय बताया गया है ओर किसी मै बिछ्डे बन्धु मै बताया है क्योकी इसलिये बिछडे बन्धु बताया इन्होने कई सालो बाद बहरेलिया लगाना बन्द कर दिया क्योकी बहरेलिया ओर बहेलिया मिलता जुलता नाम था लोग इनको भी बहेलिया ही समझने लगते थे इसलिये ये पीछे रहे ग्ये आज इनको कई क्षत्रिय नही जानते।
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बहरेलिया सिसोदिया वंश का 71 गाँव मै राज्य था।
सूरजपुर बहरेला
गाँव का नाम गणेशपुर,भवानीपुर, या गड़,सिद्धौर,हाथोंडा,इन्हौणा,सुबेहा,
किठेया,मऊ,ओर बहुत से क्षेत्र थे,
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सिसोदिया को (''बहरेलिया'') शब्द से सम्बोधित पड़ोसी राज्यो के राष्ट्रकूट व अन्य शासक कहने लगे
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लेकिन (बहरेलिया) नाम से संबोधित होने से वे (बहेलिया अनुसूचितजाति) के नही हो सकते,
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''गजेटियर ऑफ अवध'' बुक मे भी क्षत्रिय बहरेलिया कहा है।
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ओर ''ब्रिटिश भारतीय सेना जाती पुस्तिका'' मे भी क्षत्रिय बहरेलिया राजपूत कहा है।
ओर भी बहुत सारे पुरूफ है
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और इस वंश के सभी शासक क्षत्रिय राजपूत थे, पड़ोसी शासकों व अन्य द्वारा ''बहरेलिया'' कहने से वे बहेलिया नही हो सकते,
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बहरेलिया सिसोदिया वंश वास्तव में शुद्ध सूर्यवशी क्षत्रिय राजपूत राजवंश है
सिसोदिया वंशी बहरेलिया राजपूतो के राज्य स्थापित होने के बाद सूरजपुर बहरेला राज्य मे निम्नांकित राजा हूए-
गाँव का नाम गणेशपुर,भवानीपुर, या गड़,सिद्धौर,हाथोंडा,इन्हौणा,सुबेहा,
किठेया,मऊ,ओर बहुत से क्षेत्र थे,
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सिसोदिया को (''बहरेलिया'') शब्द से सम्बोधित पड़ोसी राज्यो के राष्ट्रकूट व अन्य शासक कहने लगे
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लेकिन (बहरेलिया) नाम से संबोधित होने से वे (बहेलिया अनुसूचितजाति) के नही हो सकते,
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''गजेटियर ऑफ अवध'' बुक मे भी क्षत्रिय बहरेलिया कहा है।
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ओर ''ब्रिटिश भारतीय सेना जाती पुस्तिका'' मे भी क्षत्रिय बहरेलिया राजपूत कहा है।
ओर भी बहुत सारे पुरूफ है
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और इस वंश के सभी शासक क्षत्रिय राजपूत थे, पड़ोसी शासकों व अन्य द्वारा ''बहरेलिया'' कहने से वे बहेलिया नही हो सकते,
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बहरेलिया सिसोदिया वंश वास्तव में शुद्ध सूर्यवशी क्षत्रिय राजपूत राजवंश है
सिसोदिया वंशी बहरेलिया राजपूतो के राज्य स्थापित होने के बाद सूरजपुर बहरेला राज्य मे निम्नांकित राजा हूए-
(1) महाराजा श्री ब्रम्ह सिंह सिसोदिया (बहरेलिया)
(2) राजा श्री भिकम सिंह बहरेलिया
(3) राजा श्री मुरारी सिंह बहरेलिया
(4) राजा श्री धरम बहादुर सिंह बहरेलिया
(5) राजा श्री तेज सिंह बहरेलिया
(6) राजा श्री शक्ति सिंह बहरेलिया
(7) राजा श्री जय चंद्र सिंह बहरेलिया
(8) राजा श्री अमान सिंह बहरेलिया
(9) राजा श्री वासुदेव सिंह बहरेलिया
(10) राजा श्री दूल्हे सिंह बहरेलिया
(11) राजा श्री राणा गणपति सिंह बहरेलिया
(12) राजा श्री धारु सिंह बहरेलिया
(13) राजा श्री लाल सिंह बहरेलिया
(14) राजा श्री दल सिंह बहरेलिया
(15) राजा श्री देवी सिंह बहरेलिया
(16) राजा श्री लछमण सिंह बहरेलिया
(17) राजा श्री फतेह सिंह बहरेलिया
(18) राजा श्री गुरुदत्त सिंह बहरेलिया उर्फ (सिंह जू)
(19) राजा श्री महिपाल सिंह बहरेलिया
(20) राजा श्री पृथ्वीपाल सिंह बहरेलियाा
(21) राजा श्री महेंद्र प्रताप सिंह बहरेलिया
(22) राजा श्री दान बहादुर सिंह बहरेलिया
(6) राजा श्री शक्ति सिंह बहरेलिया
(7) राजा श्री जय चंद्र सिंह बहरेलिया
(8) राजा श्री अमान सिंह बहरेलिया
(9) राजा श्री वासुदेव सिंह बहरेलिया
(10) राजा श्री दूल्हे सिंह बहरेलिया
(11) राजा श्री राणा गणपति सिंह बहरेलिया
(12) राजा श्री धारु सिंह बहरेलिया
(13) राजा श्री लाल सिंह बहरेलिया
(14) राजा श्री दल सिंह बहरेलिया
(15) राजा श्री देवी सिंह बहरेलिया
(16) राजा श्री लछमण सिंह बहरेलिया
(17) राजा श्री फतेह सिंह बहरेलिया
(18) राजा श्री गुरुदत्त सिंह बहरेलिया उर्फ (सिंह जू)
(19) राजा श्री महिपाल सिंह बहरेलिया
(20) राजा श्री पृथ्वीपाल सिंह बहरेलियाा
(21) राजा श्री महेंद्र प्रताप सिंह बहरेलिया
(22) राजा श्री दान बहादुर सिंह बहरेलिया
बहरेलिया सिसोदिया वंश का (बहेलिया अनुसूचित जाति) से कोई संबंध नही है दोनों अलग अलग जातियां हैं।
Bahut achchha lga read kr ke bhai
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी
Deleteभाई बहेलिया अहेरिया पासी की उपजाति है
Deleteठाकुर राजन प्रताप सिंह जय मां भवानी जय राजपूताना जय श्री राम
ReplyDeleteजय राजपुताना 🙏जय माँ भावानि जय श्री राम
Deleteजय महाराणा प्रताप, जय राजपूताना
ReplyDeleteआकाश सिंह सिसोदिया
ग्राम व पोस्ट- दांदूपुर
तहसील-राम सनेही घाट
जिला- बाराबंकी
हथौन्धा स्टेट- बाराबंकी उप्र
जय महाराणा प्रताप सिंह 🙏जय राजपुताना 🙏जय माँ भवानी
DeleteJai rajputana
ReplyDeleteजय राजपुताना 🙏जय माँ भवानी
DeleteVery good jai Rajputana
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी जय राजपुताना 🙏जय माँ भवानी
DeleteJai maa bhavani..manny rajput bhai M bhi kafi samay se isi itihas ki khoj me ta..aapne kafi kuch bata krr bhot help ki h..M aapse baat krna chahta hu please aap contact kr skte h M abhi jaipur me rehta hu or iske baar me aapse kafi or jankari leni ti
Delete9462262294 mera num h..aap please ek baar contact kijiye
DeleteJai Maa Bhavani 🚩
बहुत खुशी हुई यह सब देख कर भैया जी
ReplyDeleteजय मा भवानी
जय राजपुताना
और सभी को यह देखना चाहिये
बिल्कुल भाई जी
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद आपका
ReplyDeleteI am Baheliya but my real gotta bhardwaj kaise ray my Dada pardada surname
ReplyDeleteBaheliya rajput hota hai dusaud gahlot vansh rajsthan
ReplyDeleteBaheliya rajput hota hai dusaud gahlot vansh rajsthan
ReplyDeleteBaheliya rajput hota hai dusaud gahlot vansh rajsthan
ReplyDeleteनही
DeleteBhai reply to kro
ReplyDeleteकहा लिखा है बहेलिया राजपूत क्षत्रिय ठाकुर होते है बताओ
ReplyDeleteJai maa bhawani. Bhai ji Baheliya aur Bahreliya me jameen aasman ka fark hai. Ise Ek dusre se tulna na Karo.
ReplyDeleteBahot Achhi jankari apne sabke samne rakhi bhai ji.
ReplyDeleteबहेलिया अलग अलग राजाओ की सेना में सैनिक रहे हैं। एक समाज का इतिहास बताते समय दूसरे समाज को बदनाम न करें। जरूर पढ़े असली इतिहास।
ReplyDeletehttps://baheliyasoldiers.blogspot.com/2020/10/blog-post_27.html?m=1
भाई मेने जो सत्य है केवल वहीं बटाया है
Deleteबिना किसी तथ्य के कुछ भी लिखने को सत्य नहीं कहते। वो जवाना गया जब किसी समाज को बदनाम करके रोटियाँ सेकीं जाती थी।
Deleteबहेलिया समुदाय (एक योद्धा वर्ग)
ReplyDeletehttps://baheliyasoldiers.blogspot.com/2020/10/blog-post_27.html?m=1
जरूर पढ़े असली इतिहास।
बहेलिया अहेरिया पासी की उपजाति है
ReplyDeleteRight
Deleteइस बात से क्या सिद्ध होता है। बहेलिया का जिक्र पुरानी कथाओं में रहा है। यह एक मूल समाज है। आपका तर्क शोध का विषय है।
Deleteपागल हो गया है तू
Deleteजब कुछ कहने को नहीं होता तो आप जैसे लोग सबको पागल बताने लगते हैं। यहाँ वीर बहेलियों की गाथाऐं और झूठ न फैलाओ।
ReplyDeleteबहेलिया भारतीय सैनिकों का विवरण-
एफ.बी. सोल्विन्स की कृति हिन्दोस्तान की वेशभूषा पर पढ़ें, कि बेहलिया या भाल्या, भारतीय सैनिक, राइफल ले जाते हैं, और हाथ पर लटकी एक गोल ढाल का उपयोग भी करते हैं।
Read in the work of F. B. Solvyns, on the Costumes of Hindostan, that i Behalea or B'halya, Indian soldiers, carry the rifle, and still use one round shield hanging on the arm.
Description of the shields owned by the Bunchiere Ambrogio Uboldo, Nobile De-Villareggio ... With litogr By Ambrogio Uboldo 1839, Pg. 25-26
#Baheliya #Bahelia #बहेलिया
Lekin baheliya aheriya to hamesha se ye hi kahte hain ki hum Maharana Partap ke vanshaj hain sisodiya hain fir unhone sisodiya ya rawal rana titel hi kyon chuna
ReplyDeleteDungarpur rajsthan se inko aheriya title mila hai
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